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या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता.. आदि मंत्रों से गूंज उठा जसोलधाम

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता.. आदि मंत्रों से गूंज उठा जसोलधाम

नोकुंडिय यज्ञ के साथ गो माता के जल्द स्वस्थ कामना को लेकर दी गई आहुति

जसोल- आध्यात्मिक एवं भौतिक ऊर्जा के संचयन एवं मां आदिशक्ति की साधना, आराधना, उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र श्री राणी भटियाणी मन्दिर जसोलधाम में घट स्थापना व नोकुंडिय यज्ञ के साथ सोमवार से शुरू हो गया। पंडित अभिषेक जोशी, 
पंडित शिव कुमार, आचार्य तोयराज, आचार्य विवेक व पंडित मनोहर लाल अवस्थी के सानिध्य में मन्दिर में धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम शुरू हो गया। जो नो दिनों तक चलेगा जिसमे मां दुर्गा के विविध रूपों का आह्वान किया जाएगा। नवरात्रि पर्व को लेकर प्रातःकाल जगतजननी मॉ राणी भटियाणी का विशेष श्रृंगार किया गया। उसके साथ मन्दिर परिसर या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता..आदि मंत्रों के स्वर तथा मंदिरों में मां का जयकारों से गूंज उठा। नवरात्रि के पहले दिन मन्दिर में दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। नोकुंडिय यज्ञ में पंडित अभिषेक जोशी सहित पंडितो ने माता की आराधना के साथ वर्तमान में गो माता पर लम्पी नामक जो संकट आया है। उसको लेकर आहुति दी। जिसमे उन्होंने कहा कि जसोल श्री राणी भटियाणी माता व मॉ आदिशक्ति गो माता के संकट को जल्द हरे। उनकी पीड़ा ठीक करें। साथ ही उन्होंने नवरात्रि पर्व के बारे में बताते हुए कहा कि शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है। प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा उपासना की जाती है।  नवरात्रि माता भगवती की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है। यह तन-मन को निरोग रखने का सुअवसर भी है। जगत की उत्पत्ति, पालन और प्रलय तीनों व्यवस्थाएं जिस शक्ति के अधीन संपादित होती हैं वही भगवती आदि शक्ति हैं।  उन्होंने कहा कि देवी भागवत के अनुसार देवी ही ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के रूप में सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करती हैं। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी मां के विशेष रूप को समर्पित होता है और हर स्वरूप की उपासना करने से अलग-अलग प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के प्रथम दिन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को घटस्थापना के साथ ही दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की उपासना की जाती है।