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सिद्धिदात्री देवी का ये सबसे सिद्ध अवतार- पंडित अभिषेक जोशी

सिद्धिदात्री देवी का ये सबसे सिद्ध अवतार- पंडित अभिषेक जोशी

सर्व समाज की कन्याओं का पूजन करके की सुख-समृद्धि की मंगल कामना

जसोल- शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री का आह्वान किया गया। श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान अध्यक्ष श्री रावल किशनसिंह जसोल ,जूना अखाड़ा अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता नारायणगिरि महाराज दुधेश्वर मठ गाजियाबाद व विद्वान पंडितों द्वारा सर्वसमाज की कन्याओं का पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की। छोटी बच्चियों को देवी स्वरूप मानते हुए उनकी पूजा की गई। आचार्य पंडित अभिषेक जोशी ने श्री राणी भटियाणी मन्दिर संस्थान जसोल की और से शारदीय नवरात्रि पर्व को लेकर चल रहे धार्मिक अनुष्ठान की पूर्णाहुति में कहा कि सिद्धिदात्री देवी का ये सबसे सिद्ध अवतार माना जाता है। केवल इस दिन देवी मां की उपासना करने से सम्पूर्ण नवरात्रि की उपासना का फल मिलता है। उन्होंने कहा कि देवता हों या मनुष्य सभी को सिद्धि देने वाली मां सिद्धिदात्री ही हैं। इसलिए इनकी पूजा के बगैर नवरात्रि का पर्व सफल नहीं माना जाता है। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व बताया गया है। ये समस्त वरदानों और सिद्धियों को देने वाली देवी हैं। यह कमल के पुष्प पर विराजमान हैं और इनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म है। यक्ष, गंधर्व, किन्नर, नाग, देवी-देवता और मनुष्य सभी इनकी कृपा से सिद्धियों को प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रि में कन्या पूजा करने से देवी मां  प्रसन्न होती है। इसके साथ ये भी मान्यता है कि कन्याओं को भोजन कराने से विवाहित महिलाओं की सूनी गोद भर जाती है यानी कि उन्हें स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, कन्याओं के रूप में मां दुर्गा स्वंय अपने अलग-अलग रूपों में कन्या पूजन के लिए आती हैं। अगर आप भी मां भगवती से अपनी हर मुराद पूरी करवाना चाहते हैं तो कन्या पूजन जरूर करें। कन्या पूजन को हम बेटियों के सम्मान के रूप में भी देख सकते हैं। इस दौरान ठा. गजेन्द्र सिंह जसोल, फ़तेहसिंह जसोल, लालसिंह असाड़ा, ईश्वरसिंह भँवरानी, देवेंद्र कुमार माली,  जेतमालसिंह, उदयसिंह डंडाली, जोगसिंह असाड़ा, मोहन भाई पंजाबी, देवीसिंह कितपाला, मुल्तानमल माली, सुमेरसिंह डाबड़ मौजूद रहे। 

विजयादशमी के अवसर पर होगा सशस्त्र पूजन -
विजयादशमी के शुभ अवसर पर मन्दिर प्रागण में सशस्त्रो का विधि विधान से पूजन किया जायेगा।